Menu
blogid : 3004 postid : 13

एक बार फिर अयोध्या की ओर निगाहें

prahar
prahar
  • 15 Posts
  • 124 Comments

राजनीतिक दलों, समाजसेवियों के साथ साथ सभी की निगाहें एक बार फिर अयोध्या की ओर हैं। 24 सितबंर को फैसला आना है। केंद्र सरकार ने अपने सभी तंत्रों को एलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही विपक्षी दल भी फैसले के इंतजार में हैं। सबसे ज्यादा बेसब्री भाजपा की है और होनी भी चाहिए। क्योंकि आज भाजपा जहां है वहां तक के सफर में अयोध्या का अहम रोल रहा है। वैसे भाजपा इसे दोनों ही स्थितियों में भुनाने की कोशिश करेगी फैसला चाहे पक्ष में आये या विपक्ष में। चुनाव भी तो करीब ही है। अयोध्या मुद्दे के बदौलत ही सपा मुस्लिमों की झंडाबरदार होने का दावा करती है।
इस मुद्दे को लेकर तमाम लोग संजीदा हैं इसका प्रदर्शन अबेडकर नगर के एक कस्बे के हिंदू और मुस्लिमों ने सामूहिक रूप से एक धर्ननिरपेक्षता जुलूस निकाल कर किया भी है। इस जुलूस का मकसद यही था कि फैसला चाहे जो भी आये इसे कहीं भी सांप्रदायिक रंग न दिया जाय।
शायद इसी लिए हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है – बैर कराते मंदिर मस्जिद, मेल कराती मधुशाला। तनाव न फैले इसका आसान सा रास्ता भी यही है कि मधुशाला जैसा मेल कराने वाला कोई माध्यम तलाशा जाय।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh